शनिदेव किसी व्यक्ति को जितना कष्ट देते है, उतना ही उसे सुख और धन-वैभव भी देते है | जब भी किसी पर शनिदेव की अशुभ छाया पड़ती है, तो उसके जीवन में परेशानियां आरम्भ हो जाती है | उसके बने बनाये काम बिगड़ने लगते है | ज्योतिष में बताया गया है कि ऐसा होने की वजह व्यक्ति की कुंडली में मौजूद शनिदेव की अशुभ स्थिति होती है | इसके अलावा व्यक्ति के बुरे कर्म भी इसका कारण होते है, जिनका परिणाम स्वयं शनिदेव देते है |
शास्त्रों में शनिदेव को न्यायाधीश की उपाधि दी गयी है | ऐसा माना जाता है कि शनिदेव व्यक्ति को कर्मो के आधार पर फल देते है, बुरे कर्म वाले को बुरा फल और अच्छे कर्म वाले को अच्छा फल | यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि अशुभ भाव में है, लेकिन व्यक्ति के कर्म अच्छे है, तो उस व्यक्ति पर शनिदेव की बुरी छाया नहीं पड़ती है | ज्योतिष में ऐसी तीन राशियों के बारे में बताया गया है, जिन पर सदा शनिदेव की कृपा बनी रहती है | इसकी वजह इन राशियों के जातको के अच्छे कर्म है | आज हम आपको उन्ही राशियों के बारे में बताने जा रहे है |
तुला
तुला राशि शनिदेव की प्रिय राशियों में से एक है | इस राशि का स्वामी शुक्र होता है | इस राशि के जातक मेहनती, ईमानदार और बहुत ही प्रतिभाशाली होते है | इनके मेहनती स्वभाव के चलते शनिदेव भी इनसे प्रसन्न रहते है, जिस वजह से इनको सदैव शनिदेव का साथ मिलता है | इसके अलावा शुक्र के चलते इस राशि के जातको का जीवन बहुत ही सुख और सम्पन्नता के साथ बीतता है |
कुम्भ
इस राशि के जातको पर शनिदेव की विशेष कृपा रहती है | इसका मुख्य कारण शनिदेव का इस राशि का स्वामी होना है | इसके अलावा इस राशि के जातको का मददगार स्वभाव भी शनिदेव की कृपा प्राप्ति का कारण बनता है | इसके चलते शनिदेव इस राशि के जातको से सदैव प्रसन्न रहते है |
मकर
मकर राशि के स्वामी भी शनिदेव ही है | इस वजह से इस राशि के जातको पर शनिदेव की कृपा बरसती है | शनिदेव की कृपा से जातक अपने जीवन में सभी सुखो को प्राप्त करता है | मकर राशि के जातको को बहुत ही भाग्यशाली बताया जाता है, क्योंकि शनिदेव की कृपा से इनके कार्य बिना किसी बाधा के पूर्ण हो जाते है |